Best 150+ Ishq Shayari in Hindi | रोमांटिक इश्क शायरी (2025)

Hello Friends, स्वागत है आपका toploveshayari.org पर। आपको इस पोस्ट में सबसे खूबसूरत और दिल को छू जाने वाली Ishq Shayari in Hindi में मिल जाएगी।

इश्क़ वो एहसास है जो इंसान की ज़िंदगी को बदल देता है। कभी ये मुस्कुराने की वजह बनता है, तो कभी ये आँसुओं का दरिया बन जाता है। लेकिन जब इश्क़ सच्चा होता है, तो उसमें दर्द भी सुहाना लगता है। इन Ishq Shayari in Hindi के ज़रिए आप अपने दिल की गहराई से निकले जज़्बात को बड़े ही खूबसूरत अंदाज़ में बयां कर सकते हैं।

यहाँ आपको मिलेंगी कई तरह की Ishq Shayari जैसे Romantic Ishq Shayari, सच्चा इश्क़ शायरी, इश्क शायरी दो लाइन, New Ishq Shayari, और Heart Touching Ishq Shayari, जिन्हें आप आसानी से अपने सोशल मीडिया पर शेयर कर सकते हैं।

Ishq Shayari in Hindi

Ishq Shayari in Hindi
मैंने दिल के दरवाज़े पर लिखा था अंदर आना मना है,
इश्क़ मुस्कुराता हुआ बोला माफ़ करना, मैं अंधा हूँ।
अगर मैं जानता हूँ कि प्यार क्या है,
तो उसकी वजह सिर्फ़ तुम हो।
पत्थर के दिल में भी जगह बना ही लेता है,
ये प्यार है अपनी मंज़िल को पा ही लेता है।
Ishq Shayari in Hindi
हम प्रोफ़ेसर रह चुके इश्क़ में,
आप अभी नए हैं तैयारी कीजिए।
ख़ुद से भी बढ़कर मैंने तेरी चाहत की है,
प्यार नहीं, इश्क़ नहीं इबादत की है।
मोहब्बत का नाम लेने से पहले सोच लो,
ये आग ज़मीन को भी जला देती है।
Ishq Shayari in Hindi
इश्क़ तो इंसान को बेहतरीन बना देता है,
इंसान को खुदा-सा महसूस कराता है।
इश्क़ की तलाश में क्यों निकलते हो तुम,
ये इश्क़ है जनाब बर्बाद कर देगा।
गीली लकड़ी-सा इश्क़ उन्होंने सुलगाया है,
ना पूरा जल पाया कभी, ना बुझ पाया है।

रोमांटिक इश्क शायरी

रोमांटिक इश्क शायरी
मजबूती से बाँहों में इस क़दर थाम लूँ तुझे,
कि मेरे इश्क़ की क़ैद से तू चाह कर भी ना छूटे।
मुझे खींच ही लेती है हर बार उसकी मोहब्बत,
वरना बहुत बार मिला हूँ “आख़िरी बार” उससे।
हमको तुम्हारे इश्क़ ने क्या-क्या बना दिया,
जब कुछ ना बन सके तो तमाशा बना दिया।
रोमांटिक इश्क शायरी
हमने हमेशा तुम्हें वहाँ भी माँगा था,
जहाँ लोग सिर्फ़ खुशियाँ माँगा करते हैं।
अब तुमसे इतना इश्क़ हो गया है,
तुम्हारे बिना दिल नहीं लगता।
इश्क़ में मेरा इस क़दर टूटना तो लाज़मी था,
काँच का दिल था और मोहब्बत पत्थर से की थी।
रोमांटिक इश्क शायरी
मेरे इश्क़ से मिली है तेरे हुस्न को ये शोहरत,
तेरा ज़िक्र ही कहाँ था मेरी दीवानगी से पहले।
सोचने बैठे थे सुबह देखते ही देखते शाम हो गई,
इश्क़ की राहें तो ऐ दोस्त यूँ ही बदनाम हो गईं।
समझ सके ना लोग भी स्याने,
इश्क़ का रुतबा इश्क़ ही जाने।

इश्क शायरी दो लाइन

इश्क शायरी दो लाइन
ये कैसा रिश्ता है तेरे और मेरे दरमियाँ,
फ़ासले भी बहुत हैं और मोहब्बत भी।
मुझे इश्क़ है तुमसे पर तुम्हारा पता नहीं,
मुझसे है तो बता दो, किसी और से तो इश्क़ नहीं?
इश्क़ करना है किसी से तो बेहद कीजिए,
हदें और सरहदें तो ज़मीन की होती हैं दिलों की नहीं।
इश्क शायरी दो लाइन
किस बात का, कैसी सज़ा दिया ये इश्क़,
ना जीना रास आया ना मरना।
तुम नहीं समझोगे उस दर्द की हक़ीक़त,
जो मुझे मिला है गुनाह सिर्फ़ इश्क़ था।
मैं भी हुआ करता था वकील इश्क़ वालों का,
नज़रें उससे क्या मिलीं आज ख़ुद कटघरे में हूँ।
इश्क शायरी दो लाइन
राज़ सारे दिल के वो कहते हैं,
वो भी हमारे इश्क़ के नशे में रहते हैं।
इश्क़ है या इबादत अब कुछ समझ नहीं आता,
एक ख़ूबसूरत ख़्याल हो तुम जो दिल से नहीं जाता।
जब तक इश्क़ में होने की राह न मिल जाए,
दिल बेवजह उदास रहेगा, मन बेख़ुद रहेगा।

सच्चा इश्क़ शायरी

सच्चा इश्क़ शायरी
जाने कैसी मोहब्बत की आग है ये,
मेरे लफ़्ज़ तो जल गए मेरी रूह भी पिघल गई।
कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम,
कि ख़ुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है।
ज़िन्दगी जब भी किसी साये की तलब करती है,
मेरे होंठों पर तेरा नाम मचल जाता है।
सच्चा इश्क़ शायरी
तुमसे उम्र भर इश्क़ करेंगे ये ठान लिया है,
तेरे हंसते मुखड़े को ही ज़िन्दगी मान लिया है।
तबाह होकर भी तबाही दिखती नहीं,
ये इश्क़ है दोस्त इसकी दवाई बिकती नहीं।
मैख़ाने बंद करे चाहे लाख ज़माने वाले,
शहर में कम नहीं आँखों से पिलाने वाले।
सच्चा इश्क़ शायरी
बेचैनी बढ़ जाएगी और याद किसी की आएगी,
तुम मेरी ग़ज़लें गाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा।
कौन कहता है कि मैं तुझसे दूर होने से डर जाऊँगा,
मैं तो तुझसे दूर होकर जीते जी मर जाऊँगा।
इश्क़ करो तो शिद्दत से करो,
मिलना-बिछड़ना तो एक दिन ज़ाहिर है।

Ishq Shayari in Hindi On Life

वो पूछते हैं कि हमें क्या हुआ है,
अब हम उनसे कैसे कहें उनसे इश्क़ हुआ है।
मेरी साँसों पर नाम बस तुम्हारा है,
मैं अगर खुश हूँ तो ये एहसान तुम्हारा है।
जाने कैसे उसने दिल चुरा लिया,
अपने अंदाज़ से हम सोचते ही रह गए और इश्क़ हो गया।
तुम्हारे इश्क़ का मौसम,
हर मौसम से सुहाना होता है।
इश्क़ उम्र का लिहाज़ कहाँ करता है,
ये तो बस मोहब्बत खोजता है।
लिख तू कुछ ऐसा ऐ-दिल, जिसे पढ़
वो रोए भी ना और रात भर सोए भी ना।
इश्क़ का तो पता नहीं, पर
जो तुमसे है वो किसी और से नहीं।
हमने देखा था शौक़-ए-नज़र की ख़ातिर,
ये न सोचा था कि तुम दिल में उतर जाओगे।
चाँद मेरी ज़िन्दगी में तब लग जाएंगे,
जब मेरे एहसासों के साथ-साथ उनके जज़्बात भी जग जाएंगे।

रूहानी इश्क शायरी

जन्नत-ए-इश्क़ में हर बात अजीब होती है,
किसी को आशिकी तो, किसी को शायरी नसीब होती है।
शायरी उसी के लबों पर सजती है साहेब,
जिसकी आँखों में इश्क़ रोता हो।
इश्क़ है या इबादत अब कुछ समझ नहीं आता,
एक ख़ूबसूरत ख़्याल हो तुम जो दिल से नहीं जाता।
थोड़ी जल्दी आया करो मिलने के लिए,
हमारा दिल नहीं बना तुमसे दूर रहने के लिए।
तेरे इश्क़ की गली से नज़र हटती नहीं है,
बेचैन हो रात रात कटती नहीं है,
परिंदों की तरह परवाज़ करना है मुझे,
लेकिन धुंध तेरी चाहत की छटती नहीं है।
मोहब्बत का कोई इरादा तो नहीं था,
ऐ दिलनशीं पर देखी जो तेरी अदा,
तो नियत ही बदल गई।
इतना गुमान किस पर ऐ दिल,
तुम्हें तोड़ेंगे तो दोनों,
इश्क़ हो या दोस्ती तुम्हें छोड़ेंगे तो दोनों।
हुए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम,
फिर वही शायरी, फिर वही इश्क़, फिर वही तुम।
ये इश्क़ उम्रभर ऐसा असर छोड़ जाता है,
कभी तन्हाई तो कभी ख़्वाब बनकर तड़पाता है।

सूफी इश्क शायरी

इश्क़ करना है किसी से तो बेहद कीजिए,
हदें और सरहदें तो ज़मीन की होती हैं दिलों की नहीं।
मुझे इश्क़ है तुमसे पर तुम्हारा पता नहीं,
मुझसे है तो बता दो, किसी और से तो इश्क़ नहीं?
मैं चाहता था मेरे साथ कोई हादसा हो,
और फिर इश्क़ हो गया मुझको।
इश्क़ में जिसने भी बुरा हाल बना रखा है,
वही कहता है अजी इश्क़ में क्या रखा है।
निगाहें तो बस ज़रिया हैं इज़हार का,
ज़रा मेरे दिल में झाँककर देख एक दरिया है प्यार का।
ये जो इश्क़ होता है न जान ले लेता है,
मगर फिर भी मौत नहीं आती।
मजबूरी तुम्हारी थी अकेली मैं रह गई,
इश्क़ पूरा करके भी अधूरी मैं रह गई।
कोशिश करोगे जल्द से जल्द लौट आएँगे,
मगर फिर भी दुआओं में याद रखना हमें।
बेवजह नहीं रोता कोई इश्क़ में ग़ालिब,
जिसे ख़ुद से बढ़कर चाहो
वो रुलाने का दम रखता है।
बेनाम मोहब्बत दिल में दबा रखी है,
तेरी चाहत सपनों में सजा रखी है,
ये दुनिया बदले पर तुम न बदलना,
ये उम्मीद सिर्फ़ तुमसे लगा रखी है।
बाहें जब तरसती हैं तुम्हें सीने से लगाने को,
मैं तुम्हें तकिया समझकर ही अक्सर गले लगाता हूँ।
ग़म नहीं कि तुझे पा नहीं सके ख़ुशी है,
इश्क़ हुआ तुझसे हुआ और लाजवाब हुआ।

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